थोड़ा दिना पछे ए शायद कोनी मिलेला || RAJASTHANI KAVITA

👰‍♀️ लुगाईओ में लाज,
❤️ दिलों में राज,
🔥 चुल्हा री आग,
🌿 सरसुं रो साग,
🎩 सिर उपर पाग,
🎶 संगीत रा राग,

..... कोनी मिलेला सा .....

🪣 औंगण में ऊखल,
🔨 कूण म मूसल,
🥛 घरां में लस्सी,
🪢 लत्ते टांगण की रस्सी,
🤝 रिश्तों रो उजास,
दोस्तों रो गरमास,
🩳 पहलवानां री लंगोट,
🍪 हनुमानजी रो रोट,
👰 घूंघट आली लुगाई,
👵 गावं म दाई,

..... कोनी मिलेला सा .....

🍬 सासरा में लाडू,
🎉 तैवार माथे साडू,
🍽️ दोस्तां साथे भोज,
🌅 सुबह शाम नितरोज,
🏏 िचड़ी बल्ला रो खेल,
📱 WhatsApp माते मेल,

....... कोनी मिलेला सा .....

👂 बात सुनती घरआली,
😄 हँस बतलावती साली,
👴 घरां में बुढ्ढा,
🪑 बैठकां में मुड्डा,
👶 अलपता टाबर,
📝 सुहावता आखर,
🙏 अनजानो री आशीष,
🎁 कमतर ने बक्शीस,
👍 राज में भला,
🤐 ने बंद गला,

..... कोनी मिलेला सा .....

🏙️ शहर री आन,
👨‍🦳 मुछों री शान,
🚬 ताऊ रो हुक्का,
💍 ब्याह रो रुक्का,
🧾 हिसाब री पर्ची,
✂️ गली वालो दर्ज़ी,
🛁 पाटडे माते नहाणो,
🍽️ पत्तल पे खाणा,
🚰 पाणी भरेडा देग,
👭 बेन बेटी रो नेग,

......... कोनी मिलेला सा .....


थोड़ा दिना पछे ए शायद कोनी मिलेला  || RAJASTHANI KAVITA

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